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सूदखोरों से प्रताडि़त होकर किया आत्महत्या का प्रयास
7 लोगों से ब्याज पर लिए थे 40 लाख , लॉकडाउन में धंधा हुआ ठप
बचने के बाद व्यापारी ने दर्ज कराया केस
उज्जैन।पटेल नगर में रहने वाले आलू प्याज व्यापारी ने धंधे के लिये 7 अलग-अलग लोगों से 40 लाख रुपये उधार लिए जिसे 6 से 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस भी लौटाया लेकिन कर्जदारों द्वारा उतनी ही राशि बाकि निकालकर व्यापारी को प्रताडि़त किया गया जिससे तंग आकर व्यापारी ने आत्महत्या का प्रयास किया और मौत से बचने के बाद उसने चिमनगंज थाने में सूदखोरों के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस द्वारा सूदखोरों की तलाश की जा रही है।
धीरज बलदिया पिता लक्ष्मीनारायण निवासी पटेल नगर आलू प्याज के व्यापारी हैं और चिमनगंज मंडी में दुकान संचालित करते हैं। धीरज ने व्यापार के लिये संदीप लोट निवासी भेरूगढ़, अजय यादव निवासी गदापुलिया, राहुल यादव निवासी मणीरत्न पार्क, बाबर निवासी भेरूगढ़, अकलाख निवासी काजीपुरा, आशु मीणा निवासी काजीपुरा, चिंतामण सांखला निवासी नयापुरा से वर्ष 2015 से 2021 के बीच 6 से 15 प्रतिशत ब्याज पर करीब 40 लाख रुपये उधार लिये।
धीरज बलदिया ने बताया कि पिछले दो वर्षों से कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन लगा तो धंधा पूरी तरह चौपट हो गया। अब वही कर्जदार अपना-अपना ब्याज जोड़कर उतने ही रुपयों की फिर से मांग कर रहे हैं और रुपये नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही थी। सूदखोरों से प्रताडि़त होकर धीरज ने 20 दिसंबर को जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। परिजनों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के बाद चिमनगंज थाने में सूदखोरों के खिलाफ केस दर्ज कराया।
ऐसे चला सूदखोरों का मीटर
धीरज बलदिया ने वर्ष 2015 में संदीप लोट से 13 लाख रुपये 10 प्रतिशत ब्याज पर उधार लिए जिसके बदले 17 लाख लौटाए उसके बाद भी संदीप द्वारा 7 लाख की मांग की गई। अजय यादव से वर्ष 2018 में 9 लाख 50 हजार रुपये 10 प्रतिशत ब्याज पर लिये 12 लाख लौटाए फिर भी 6.5 लाख की मांग की गई।
राहुल यादव से वर्ष 2018 में 15 लाख रुपये 6 प्रतिशत ब्याज पर लिये, 12 लाख लौटाए बाद में 7 लाख और मांगे गये। बाबर से वर्ष 2021 में 4 लाख रुपये 15 प्रतिशत ब्याज पर लिये 8 लाख वापस किए फिर भी 4 लाख और मांगे। अकलाख से 2021 में 7 लाख रुपये 8 प्रतिशत ब्याज पर लिये, 6 लाख लौटाए फिर भी 6 लाख और मांगे जबकि आशु मीणा से 2020 में 13 लाख रुपये 8 प्रतिशत ब्याज पर लिये 8 लाख लौटाये फिर भी और रुपयों की मांग की जा रही थी।